पिता की मौत के बाद फिल्मों से तोड़ा नाता, ढाबे में किया काम, फिर 2009 में की वापसी और चमक उठी किस्मत

संजय मिश्रा ने बड़े पर्दे पर जो भी किरदार निभाए, वो निभाने से ज्यादा जीये तभी तो उनके निभाए किरदारों में किसी और कलाकार के होने की कल्पना भी असंभव सी लगती है। कभी दुबे जी तो कभी बाबू जी बनकर उन्होंने हर किरदार को अपना बना लिया।

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