इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जा रही तीन मैच की टेस्ट सीरीज का रोमांच अब अपने चरम पर है। कल इंग्लैंड ने ड्रॉ की तरफ बढ़ रहे मैच को शानदार तरीके से जीतकर सीरीज में वापसी की। तीन मैच की यह सीरीज अब 1-1 की बराबरी पर पहुंच गई है, ऐसे में 24 जुलाई से मैनचेस्टर के इसी मैदान पर खेले जाना वाले मैच पर हर किसी की निगाहें होगी। कोविड-19 के बाद खेली जा रही पहली सीरीज में मेहमान टीम ने पहला मैच जीतकर हर किसी को हैरान कर दिया था। लेकिन दूसरे मैच को इंग्लैंड ने 113 रनों से जीतकर बता दिया कि उन्हें उनकी कंडीशन में गलत आंकने की गलती ना करें। इस मैच में बेन स्टोक्स के ऑलराउंड प्रदर्शन से लेकर आईसीसी के नियमों का उल्लंघन जैसी कई घटनाएं हुई। आइए जानते हैं दूसरे मैच से जुड़ी कुछ रोचक बातें-
आईसीसी का टूटा नियम
ओल्डर ट्रैफर्ड में खेले गए इस मुकाबले में पहली बार आईसीसी का स्लाइवा बैन का नियम टूटा। यह घटना वेस्टइंडीज की पहली पारी के 42वें ओवर की है जब इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज डोमिनिक सिबली ने गेंद को चमकाने के लिए गलती से लार का इस्तेमाल कर दिया था। जैसे ही टीम के साथी खिलाड़ियों को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी अंपायरों को दी और अंपायरों ने टीशू से गेंद को सैनिटाईज किया। इस गलती की सजा तो सिबली को नहीं दी गई, लेकिन उन्हें नियम के अनुसार चेतावनी जरूर मिली। आईसीसी के नए नियम अनुसार अगर किसी टीम का खिलाड़ी ऐसा करता है तो टीम को पहले दो बार चेतावनी दी जाएगी और उसके बाद 5 रन काटे जाएंगे।
सर बेन स्टोक्स का ऑलराउंड प्रदर्शन!
हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स ने एक बार फिर इंग्लैंड की टीम में अपनी अहमियत का उदहारण दिया। बेन स्टोक्स ने विंडीज के खिलाफ इस मैच में 254 रन बनाने के साथ-साथ तीन विकेट भी चटकाएं। स्टोक्स का प्रदर्शन इस मैच में बेहद ही सराहनीय था, पहली इनिंग में उन्होंने जिस तरह टेंपरामेंट दिखाते हुए अपने करियर की सबसे धीमी पारी (356 गेंदों पर 176 रन) खेली तो वहीं दूसरी इनिंग में उन्होंने जरूरत पढ़ने पर शुरुआत से ही हवाई फायर किए और इंग्लैंड के लिए बतौर सलामी बल्लेबाज सबसे तेज अर्धशतक (78* रन) भी पूरा किया। पहली इनिंग में स्टोक्स ने जहां 49.44 के स्ट्राइकरेट से रन बनाए थे, वहीं दूसरी इनिंग में उनका स्ट्राइकरेट 136.84 का था। उनकी इस लाजवाब परफॉर्मेंस के बाद उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' के अवॉर्ड से नवाजा गया।
अंपायरों के गलत फैसले
इस मैच में एक बार फिर अंपायरों के गलत फैसलों की बरसात हुई। दूसरे टेस्ट के दौरान रिकॉर्ड 17 बार ऐसा हुआ जब डीआरएस की मदद से अंपायरों के फैसलों को बदला गया हो। इसमें अंपायर्स कॉल भी शामिल है। 2018 में इंग्लैंड और भारत के बीच साउथहैंपटन में खेले गए मैच में भी 17 बार अंपायरों के फैसलों को डीआरएस की मदद से पलटा गया था। अगर इस मैच में डीआरएस नहीं होता तो शायद मैच किसी और ही दिशा में जा रहा होता।
इंग्लैंड में दिखी जीत की ललक
पहला मैच 4 विकेट से हारने के बाद इंग्लैंड में जीत की भूख साफ देखने को मिली। बारिश के कारण यह मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, लेकिन इंग्लैंड ने ऐसा होने नहीं दिया। अगर यह मैच ड्रॉ हो जाता तो इंग्लैंड के लिए यह सीरीज जीतना नामुमकिन था। आखिरी मैच जीतकर फिर उनके पास सीरीज ड्रॉ करवाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
इंग्लैंड में जीत की ललक तब देखने को मिली जब उन्होंने दूसरी पारी में अपनी सलामी जोड़ी में बदलाव किया। इंग्लैंड की दूसरी पारी की शुरुआत करने धुआंधार बल्लेबाज बेन स्टोक्स और जोस बटलर आए। बटलर तो बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए, लेकिन स्टोक्स ने मैच के आखिरी दिन अपनी पावर हिटिंग दिखाते हुए 57 गेंदों पर 78 रन की नाबाद पारी खेली। इस पारी के दौरान उन्होंने 4 चौके और 3 छक्के भी जडे़। स्टोक्स की इस पारी के दम पर इंग्लैंड ने विंडीज के सामने 312 रन का लक्ष्य रखा।
इसके बाद इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड और क्रिस वोक्स ने अपनी लाइन और लेंथ पर काम करते हुए विंडीज को शुरुआती झटके दिए। इन दोनों गेंदबाजों ने मिलकर कुल 5 विकेट झटके। इनके अलावा बैन स्टोक्स और डोम बेस्सी को 2-2 और सैम कुर्रन को 1 विकेट मिला। इस शानदार परफॉर्मेंस के दम पर मेजबानों ने विंडीज को 113 रनों से मैच हाराया।
शुरुआत को बड़ी पारी में तबदील नहीं कर पाए विंडीज के बल्लेबाज!
वेस्टइंडीज के बल्लेबाज क्रिग ब्रेथवेट, शमर ब्रूक्स, रोस्टन चेज और ब्लैकवुड ने अपनी दमदार बल्लेबाजी से तो सबको प्रभावित किया, लेकिन वह अपनी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में कामयाब नहीं रहे। पहली पारी में जहां ब्रेथवेट ने 75 रन की पारी खेली तो वहीं ब्रुक्स और चेज ने 68 और 51 रन बनाए। वहीं दूसरी पारी में ब्रुक्स ने 62 और ब्लैकवुड ने 55 रनों का योगदान दिया। अगर इन पारियों को यह खिलाड़ी बड़ी पारी में तबदील कर पाते तो मैच का नतीजा कुछ और हो सकता था। लेकिन वो कहते हैं ना खिलाड़ी अनुभव से ही सीखताा है, तो इन खिलाड़ियों को इस सीरीज से काफी अनुभव मिलेगा।
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