नई दिल्ली। सरकार द्वारा मई में लॉकडाउन में दी गई ढील कारोबार की दृष्टि से निष्प्रभावी साबित हुई है। रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) के एक सर्वे में कहा गया है कि अंकुशों में ढील के बावजूद खुदरा कारोबारियों के कारोबार में गिरावट दर्ज हुई है। आरएआई ने तीन माह मार्च, अप्रैल और मई के लिए छोटे-बड़े खुदरा कारोबरियों तथा कंपनियों के कारोबार का आकलन किया है। सर्वे में 150 से अधिक रिटेलरों को शामिल किया गया।
आरएआई ने बयान में कहा कि अप्रैल-मई के दौरान राष्ट्रव्यापी बंद सख्ती से लागू था। इसके दौरान खुदरा कारोबार कंपनियों के कारोबार में पिछले साल के समान महीनों की तुलना में 80 से 90 प्रतिशत की गिरावट आई। एसोसिएशन ने कहा कि सरकार ने मई में लॉकडाउन में जो ढील दी, वह निष्प्रभावी रही। इस दौरान खुदरा कारोबारियों को व्यापक रूप से नुकसान हुआ। सर्वे में कहा गया है कि खाद्य और किराना क्षेत्र की 300 करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री वाली खुदरा कंपनियों के कारोबार में इस दौरान 86 प्रतिशत की गिरावट आई। वहीं गैर-खाद्य और किराना क्षेत्र की खुदरा कंपनियों के कारोबार में 75 प्रतिशत की गिरावट आई।
वहीं इनकी तुलना में 300 करोड़ रुपए से कम के कारोबार वाली छोटी और मझोले खुदरा कारोबारियों का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन इनके कारोबार में भी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 33 प्रतिशत की गिरावट आई। सर्वे में कहा गया है कि लॉकडाउन में ढील लगभग क्षेत्रों में खुदरा कंपनियों के लिए निष्प्रभावी रही। मई में विभिन्न क्षेत्रों में खुदरा कारोबार कंपनियों के कारोबार में पिछले साल के समान महीने की तुलना में 76 से 81 प्रतिशत की गिरावट आई।
सर्वे के नतीजों पर आरएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार राजगोपालन ने कहा कि लॉकडाउन में ढील के बावजूद खुदरा कंपनियों को अपने कारोबार को फिर खड़ा करने के लिए चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ रहा है। देशभर में खुदरा कारोबार पर जैसा असर पड़ा है वह चिंता की बात है। खुदरा कारोबार कंपनियों को एक बार फिर से मुनाफे में पहुंचने के लिए काफी समय लगेगा।
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