टेस्ट क्रिकेट में पिछले कई सालों से भारतीय टीम के प्रदर्शन में सुधार आया है। इस सुधार के पीछे बल्लेबाजों के अलावा भारतीय गेंदबाजों का भी अहम रोल रहा है, खास कर विदेशी सरजमीं पर। विदेशों में भारतीय गेंदबाजों ने लाजवाब प्रदर्शन किया है। जिस वजह से 2018 में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर पहली बार मात देने में सफल रही। भारत की चौकड़ी (इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव) की गिनती आज वर्ल्ड कप सबसे आक्रामक गेंदबाजों में की जाती है।
भारतीय पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने भी इन तेज गेंदबाजों के समूह की तारीफ की है। द्रविड़ ने हाल ही में सौनी टेन के एक शो पर कहा "तेज गेंदबाजों के रूप में मेरे हिसाब ये सबसे बेहतरीन तेज गेंदबाजी आक्रमण है। हमारे पास कपिल देव, जवागल श्रीनाथ और जहीर खान जैसे भी गेंदबाज थी, लेकिन एक समूह के रूप में ये बेस्ट बॉलिंग अटैक है।"
इसी के साथ द्रविड़ ने कहा "इनके अलावा टीम से बाहर नवदीप सैनी, शार्दुल ठाकुर जैसे खिलाड़ी भी ए टीम के लिए बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। सबसे अलग बात यह है कि आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है कि कौन से तीन गेंदबाजों को आपको खिलाना है, सभी गेंदबाज अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं।"
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सभी गेंदबाजों की गुणवत्ता के बारे में द्रविड़ ने बताते हुए कहा "भारत ने तेज गेंदबाजों में गहराई विकसित की है और ये सभी गेंदबाज अभी शिखर पर है। ये सब एक दूसरे से अलग है। बुमराह के पास कोण है, इशांत के पास ऊंचाई है, शमी गेंद को स्विंग कराना जानते हैं। इस वजह से सभी एक दूसरे से अलग हैं।"
उल्लेखनीय है, कोरोनावायरस के कारण मार्च से ही क्रिकेट ठप पड़ा हुआ है। ऐसे में जब क्रिकेट बहाल होगा तो उसके लिए आईसीसी ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं जिसमें गेंद पर लार के इस्तेमाल पर भी बैन है। आईसीसी के इस नए नियम से तेज गेंदबाजों को दिक्कत का सामना करना पड़ेगा।
इशांत ने इस मुद्दे पर कहा कि लार के बैन से प्रतिस्पर्धा बराबर की नहीं होगी। इशांत ने कहा ‘‘अग हम लाल गेंद को नहीं चमकायेंगे तो यह स्विंग नहीं होगी और अगर यह स्विंग नहीं होगी तो बल्लेबाजों के लिये चीजें आसान हो जायेंगी। मुझे लगता है कि प्रतिस्पर्धा बराबरी की होनी चाहिए ना कि बल्लेबाजों के लिये फायदेमंद। ’’
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इस तेज गेंदबाज ने अभी तक 297 टेस्ट और 115 वनडे विकेट हासिल किये हैं। उन्हें लगता है कि तेज गेंदबाजों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होगी ताकि सुनिश्चित हो कि वे लार का इस्तेमाल नहीं करें जैसा पहले करते थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सबसे अहम चीज गेंद पर लार लगाने से बचने और गेंद को चमकाने से बचने की होगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें इसके लिये विशेष सतर्कता बरतनी होगी क्योंकि हम गेंद को चमकाने के आदी हैं विशेषकर लाल गेंद को। ’’
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