नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ने अनिल अंबानी से दिवालिया कानून के निजी गारंटी उपबंध के तहत 1,200 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली के लिए राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में आवेदन किया है। अनिल अंबानी ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस इंफ्राटेल को दिए गए कर्ज के लिए निजी गारंटी दी थी।
बी एस वी प्रकाश कुमार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने आवेदन पर सुनवाई करते हुए अंबानी को जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। अनिल अंबानी के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस इंफ्राटेल (आरआईटीएल) द्वारा लिए गए कॉरपोरेट ऋण से संबंधित है और यह अंबानी का व्यक्तिगत ऋण नहीं है।
बयान में कहा गया कि आरकॉम और आरआईटीएल की समाधान योजनाओं को मार्च 2020 में उनके ऋणदाताओं ने 100 प्रतिशत मंजूरी दी थी। इन समाधान योजनाओं को एनसीएलटी, मुंबई की स्वीकृति का इंतजार है। बयान में कहा गया है कि अंबानी उपयुक्त जवाब दाखिल करेंगे और एनसीएलटी ने याचिकाकर्ता (एसबीआई) को कोई राहत नहीं दी है।
अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस ने 2019 की शुरुआत में दिवालियापन के लिए आवेदन किया था।
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