नई दिल्ली। भारतीय रेल खान-पान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने बुधवार को कहा कि देशभर में लॉकडाउन के कारण रेलवे द्वारा ट्रेन रद्द करने की सूरत में वे अपने ई-रेल टिकट को खुद रद्द न करें। कोरोना वायरस के चलते भारत में 21 दिनों के लिए (14 अप्रैल तक) लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। इस दौरान सड़क एवं रेल यातायात बंद कर दिया गया है।
स्वतः मिलेगा रिफंड
आईआरसीटीसी प्रवक्ता सद्धार्थ सिंह ने कहा कि रेलवे द्वारा परिचालित पैसेंजर ट्रेनों की सेवा बंद करने के बाद ई-टिकट खरीदने वाले यात्रियों को टिकट का रिफंड स्वत: मिल जाएगा इसके लिए उनको ई-टिकट रद्द करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यात्री ई-टिकट रद्द करते हैं तो संभव है कि रिफंड कम मिलेगा। इसलिए यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे ट्रेन रद्द होने की सूरत में वे अपने ई-टिकट खुद रद्द न करें। बता दें कि भारतीय रेलवे ने पहले ही काउंटर टिकट रद्द करने के लिए 21 जून तक का समय तीन महीने बढ़ा दिया था।
कोरोना वायरस को लेकर जानिए देश के राज्यों का हाल
बता दें कि, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप पर लगाम लगाने के लिए रेलवे की यात्री सेवाएं बीते 22 मार्च से लेकर 14 अप्रैल तक बंद करने का फैसला किया है। ऐसे में जिन लोगों ने पहले से टिकट रिजर्वेशन करा रखा है, वे रिफंड को लेकर खासे परेशान हैं। ऐसे में टिकट काउंटर से बुक किए गए टिकट का रिफंड लेने के लिए काउंटर पर ही जाना होगा, लेकिन ई-टिकट स्वत: रद्द हो जाएंगे और इसका रिफंड जिस खाते से टिकट बुक हुई होगी उसी में चला जाएगा।
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