यूपी: CM योगी और डिप्टी सीएम मौर्य के विवादित पोस्टर लगाने के 2 आरोपी गिरफ्तार

2 held over offensive posters against CM Yogi Adityanath and Deputy CM Keshav Prasad Maurya | PTI File

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कथित दंगाइयों के पोस्टर लगाए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पोस्टर दिखे थे। इन पोस्टरों को लगाने के आरोप में रविवार को 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि राजधानी लखनऊ के हजरतगंज इलाके में मुख्यमंत्री योगी और उपमुख्यमंत्री मौर्य के खिलाफ अशोभनीय पोस्टर लगाने के आरोप में 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।

शनिवार को हटवा दिए गए पोस्टर

पुलिस के अधिकारी ने बताया कि आरोपियों में से सुधांशु और अश्विनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि तीसरे आरोपी लालू की तलाश की जा रही है। ये पोस्टर शुक्रवार रात को लगाए गए थे लेकिन उन्हें शनिवार को हटवा दिया गया। गौरतलब है कि नए नागरिकता कानून के खिलाफ गत 19 दिसंबर को राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए 50 से ज्यादा लोगों के नाम, तस्वीर और पते समेत पोस्टर लखनऊ के हजरतगंज समेत चार थाना इलाकों में लगाए गए हैं।

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लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए थे ये विवादित पोस्टर। Twitter

HC ने दिए दंगाइयों के पोस्टर हटाने के आदेश
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को वे पोस्टर 16 मार्च तक हटाने के आदेश दिए थे। हालांकि राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी। जिन लोगों के पोस्टर राज्य सरकार ने लगवाए हैं उनमें से कई को अदालत ने जमानत दी है। राज्य सरकार की इस कार्यवाही के बाद समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने नया पोस्टर वार शुरू किया था।

चिन्मयानंद और सेंगर के भी लगे पोस्टर
समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने हजरतगंज में ही होर्डिंग लगाकर उसमें बलात्कार के आरोप में घिरे पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद और उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की तस्वीर लगाई थी। उसके बाद शुक्रवार को एक और पोस्टर नमूदार हुआ जिसमें सीएम योगी और डिप्टी सीएम मौर्य के कथित आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए दलील दी गई थी कि अगर बाकी दंगा आरोपियों के पोस्टर लग सकते हैं तो सबसे पहले इन ओहदेदारों से वसूली की जानी चाहिए।



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