मॉस्को/नई दिल्ली: जी-20 की आगामी आपात वार्ता से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को टेलीफोन पर बात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस की महामारी से उत्पन्न हालात पर अपने-अपने विचार साझा किए। नई दिल्ली से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों नेता वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर, स्वास्थ्य, चिकित्सा, वैज्ञानिक शोध और मानवीय मामलों सहित महत्वपूर्ण वैश्चिक संकट की सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक विचार विमर्श और सहयोग करने पर सहमत हुए।
विज्ञप्ति के मुताबिक प्रधानमंत्री ने रूस में कोरोना वायरस के संक्रमितों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की और उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व में रूस की कोशिशें कामयाब होंगी। राष्ट्रपति पुतिन ने भी प्रधानमंत्री मोदी को भारत द्वारा कोरोना वायरस से निपटने के लिए उठाए गए कदमों में सफलता की कामना की। विज्ञप्ति के मुताबिक दोनों नेताओं ने कोरोना वायरस खिलाफ एकजुट लड़ाई में जी-20 समूह के अंदर सहित अंतराष्ट्रीय सहयोग पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने रूस में मौजूद भारतीय छात्रों के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने में रूसी प्रशासन के सहयोग की प्रशंसा की और उम्मीद जताई कि रूस इसे आगे भी जारी रखेगा। राष्ट्रपति पुतिन ने मदद का भरोसा दिया।
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विज्ञप्ति के मुताबिक मोदी ने पुतिन से कहा कि भारतीय प्रशासन जहां और जब भी जरूरत होगी रूसी नागरिकों की सुरक्षा और वापसी के लिए हर संभव प्रयास करेगा। उल्लेखनीय है कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के समूह G-20 के वैश्विक संकट से निपटने में कथित ढुलमुल रवैये की आलोचना के बीच सऊदी अरब जिसके पास अभी G-20 की अध्यक्षता है, ने पिछले हफ्ते वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए सम्मेलन बुलाने का आह्वान किया था। कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने में सहयोग बढ़ाने के लिए गुरुवार को सम्मेलन होगा जिसकी अध्यक्षता सऊदी अरब के शाह सलमान करेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सहित जी-20 समूह के नेता इसमें शामिल होंगे।
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