निजामुदीन मरकज से 30 बसों से 900 लोगों को निकाला गया, 153 एलएनजेपी में भर्ती, कई छावला कैंप भेजे गए

Nizammudin tabligh e jamaat  Image Source : INDIA TV

कोरोना वायरस संकट के बीच दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में तबलीग-ए-जमात से सामने आए मामलों ने प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली पुलिस और अर्द्धसैनिक बल के जवानों ने निजामुद्दीन पश्चिम इलाके की घेराबंदी कर दी है। यहां पर करीब 2500 लोगों के एस साथ मौजूद होने की खबर सामने आने के बाद प्रशासन तेजी से लोगों को यहां से निकालने की कोशिश कर रहा है। यहां से करीब 900 लोगों को निकाल लिया गया है। इसके लिए प्रशासन डीटीसी बसों का इस्तेमाल कर रही है। करीब 30 बसें इस काम में लगाई गई हैं जो लगातार लोगों को यहां से निकालकर अस्पताल भेज रही है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार रात तक यहां से 200 लोगों को निकाल कर दिल्ली के अस्पताल भेजा गया। वहीं आज सुबह से 700 और लोगों को भेजा जा चुका है। इनमें से कुछ लोगों को आईटीबीपी के छावला कैंप भेजा जा चुका है। तबलीग-ए-जमात में भाग लिए करीब 153 लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण सामने आने के बाद उन्हें एलएनजेपी में भर्ती कराया गया है। 

एलएनजेपी के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर जे सी पासी ने कहा, ‘‘निजामुद्दीन इलाके से रविवार को एलएनजेपी अस्पताल में 85 लोग और सोमवार को 68 लोग लाए गए। यानी अस्पताल के पृथक वार्डों में निजामुद्दीन के 153 लोग भर्ती हैं और उनकी जांच की जा रही है।’’

 

राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में तब्लीगी-जमात के मरकज को लेकर दिल्ली सरकार ने मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। इस आयोजन में शामिल 6 लोगों की तेलंगाना के अस्पताल में मौत हो गई है। तब्लीगी-जमात के इस मरकज में देश-विदेश से लोग आए हुए थे। यहां से करीब दो सौ लोगों को कोरोना वायरस की जांच के लिए दिल्ली के अलग-अलग हॉस्पिटल में ले जाया गया है। 



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